उज्जैन, 30 नवंबर 2025: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने सादगी और सामाजिक समरसता की अनुपम मिसाल पेश करते हुए अपने छोटे पुत्र डॉ. अभिमन्यु यादव का विवाह एक सामूहिक समारोह में संपन्न कराया। उज्जैन के सांवराखेड़ी में आयोजित इस भव्य लेकिन सादगीपूर्ण कार्यक्रम में कुल 21 जोड़ों ने परिणय सूत्र में बंधन। यह आयोजन न केवल शादी के अपव्यय को रोकने का संदेश देता है, बल्कि समाज के सभी वर्गों को एकजुट करने का प्रतीक भी बन गया।
सीएम के पुत्र का विवाह: सादगी से सात फेरे

मुख्यमंत्री के छोटे बेटे डॉ. अभिमन्यु यादव, जो एमबीबीएस और मास्टर ऑफ सर्जरी की डिग्री धारक हैं, का विवाह डॉ. इशिता पटेल से हुआ। डॉ. इशिता भी एमबीबीएस पासआउट हैं और खरगोन की रहने वाली हैं। एक ही मंडप में सभी जोड़ों ने वरमाला, कन्यादान और सात फेरों की रस्में निभाईं। फूलों से सजे मंच पर पारंपरिक वेशभूषा में दूल्हा-दुल्हन चमक उठे, लेकिन कोई शाही ठाठ-बाट नहीं। सीएम के बेटे ने खुद कहा, “यह शादी सबसे भव्य लग रही है क्योंकि यह सामूहिक है।” वरमाला के दौरान योग गुरु स्वामी रामदेव ने मंत्रोच्चार किया, जो समारोह की आध्यात्मिकता को बढ़ा दिया।
सामूहिक विवाह की विशेषताएं: समानता का संदेश
यह समारोह सामूहिक विवाह सम्मेलन समिति द्वारा आयोजित किया गया, जिसमें अनुसूचित जाति, जनजाति और अन्य वर्गों के जोड़े शामिल हुए। एक ही पंडाल में आमजन और सीएम परिवार की शादी होने से समानता का मजबूत संदेश गया। राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने नवदंपतियों को बधाई देते हुए कहा, “मुख्यमंत्री ने सामाजिक समरसता का श्रेष्ठ उदाहरण प्रस्तुत किया है।” भोजन व्यवस्था भी सामूहिक भावना के अनुरूप रही, जहां सभी ने एक साथ प्रसाद ग्रहण किया। यह आयोजन मध्यम और निम्न-मध्यम वर्गीय परिवारों के लिए प्रेरणा स्रोत बन गया, जो शादियों के बढ़ते खर्च से परेशान हैं।
प्रमुख अतिथियों और संतों की उपस्थिति: आशीर्वादों की बौछार
कार्यक्रम में देशभर से गणमान्य व्यक्ति पहुंचे। केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया केंद्रीय राज्य मंत्री दुर्गादास उइके, विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर, कर्नाटक के राज्यपाल थावरचंद गहलोत, मंत्री तुलसी सिलावट और अन्य विधायकों ने नवदंपतियों को आशीर्वाद दिया। संत समाज का योगदान सराहनीय रहा:
- योग गुरु स्वामी रामदेव: समारोह का संचालन किया और पतंजलि पीठ की ओर से प्रत्येक जोड़े को 1 लाख रुपये की सहायता घोषित की।
- पं. धीरेंद्र शास्त्री (बागेश्वर धाम): कम खर्च वाले सामूहिक विवाह को बढ़ावा देने की अपील की। रामदेव ने मजाक में कहा, “आपका भी विवाह इसी तरह कराएंगे महाराज।”
- अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रवींद्र पुरी: हर जोड़े को 1 लाख रुपये देने की घोषणा।
- जूना अखाड़ा प्रमुख स्वामी हरि गिरि महाराज: आशीर्वाद के साथ आर्थिक सहायता का वचन।
सामाजिक प्रभाव: अपव्यय रोकने की प्रेरणा
यह आयोजन सनातन परंपराओं के अनुरूप था, लेकिन आधुनिक संदेश के साथ। सीएम डॉ. यादव ने अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा, “प्रदेश में विवाह सादगीपूर्ण हों, ताकि समाज का हर वर्ग लाभान्वित हो।” विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसे समारोह शादियों में करोड़ों का अपव्यय रोक सकते हैं। रामदेव ने इसे “डिवाइन मैरिज” बताते हुए कहा कि यह डेस्टिनेशन वेडिंग नहीं, बल्कि दिव्य बंधन है। स्थानीय प्रशासन और पुलिस ने कार्यक्रम को सुचारू रूप से संचालित किया।
यह सामूहिक विवाह न केवल एक समारोह, बल्कि सामाजिक क्रांति का प्रतीक। देशभर में इसे अनुकरणीय बताया जा रहा है, जो समरसता और सादगी की नई लहर पैदा कर सकता है।
रिपोर्ट :सुरेंद्र कुमार

