“संचार साथी” ऐप इसे यूजर न तो अनइंस्टॉल कर पाएगा, न ही डिसेबल!

90 दिन में Apple, Samsung, Xiaomi, Vivo, Oppo सहित सभी कंपनियों को नियम लागू करना अनिवार्य। पुराने स्टॉक के फोनों में भी OTA अपडेट के जरिए ऐप डाला जाएगा। 120 दिन में कंपनियों को रिपोर्ट देनी होगी।

विपक्ष का जोरदार हंगामा कांग्रेस के राज्यसभा सांसद केसी वेणुगोपाल ने इसे “संविधान पर हमला” बताते हुए ट्वीट किया, “बिग ब्रदर अब आपकी जेब में है! एक प्री-लोडेड सरकारी ऐप जिसे डिलीट नहीं किया जा सकता – ये हर भारतीय की हर कॉल, मैसेज, लोकेशन और गतिविधि पर 24×7 नजर रखने की खतरनाक मशीन है। अनुच्छेद 21 का खुला उल्लंघन! हम इसे हर कीमत पर रुकवाएंगे।”

सरकार का दावा DoT ने साफ कहा है कि ये कदम मोबाइल चोरी, IMEI क्लोनिंग, स्पैम कॉल, फिशिंग लिंक और साइबर फ्रॉड रोकने के लिए है।

  • लाखों चोरी के फोन ब्लॉक हो चुके
  • करोड़ों लोगों ने अपने नाम के फर्जी कनेक्शन पकड़े
  • फोन चोरी होने पर मिनटों में ब्लॉक और ट्रैकिंग संभव

लेकिन सवाल वही सबसे बड़ा है – क्या सुरक्षा के नाम पर आपकी निजता हमेशा के लिए कुर्बान हो जाएगी?

आपको क्या लगता है – ये कदम सही है या “डिजिटल तानाशाही” की शुरुआत? कमेंट करें! 🔥

रिपोर्ट :सुरेंद्र कुमार

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