सूरत/गुरुग्राम: 8 साल पहले पैरोल पर रिहा होने के बाद फरार हो गए एक कैदी को गुजरात पुलिस ने गुरुग्राम से गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने इस ऑपरेशन में कैदी की सबसे छोटी आदत – हर सुबह चाय के साथ बिस्किट खाने की आदत – का बेहद शानदार इस्तेमाल किया और दो दिनों की निगरानी के बाद 14 नवंबर को उसे उसके बेटे के साथ बिस्किट खरीदते वक्त दबोच लिया।
एसीपी गोहिल ने बताया,
“सबसे पहले, सुरेंद्र के गांव के लोगों से कुछ जानकारी मिलने के बाद हमने एक टीम बनाई। जांच के लिए टीम को सुरेंद्र के पैतृक गांव, उत्तर प्रदेश भेजा गया। हम यूपी पुलिस के भी संपर्क में थे।”

सुरेंद्र को आशंका थी कि एक दिन पुलिस उसे ढूंढने आएगी, इसलिए पैरोल तोड़ने के बाद उसने अपने माता-पिता और भाई से कोई संपर्क नहीं रखा।
पुलिस के अनुसार, उत्तर प्रदेश में सुरेंद्र का गांव छोटा है, इसलिए टीम ने धैर्यपूर्वक कुछ रिश्तेदारों से पूछताछ की। जांच में पता चला कि सुरेंद्र बेओहरा से कुछ ही दूरी पर स्थित कारवी में इलेक्ट्रिक रिक्शा चला रहा था।
यहां पुलिस ने कुछ रिक्शा चालकों से बात की। जब उनको सुरेंद्र की तस्वीर दिखाई गई, तो एक रिक्शा चालक ने बताया कि सुरेंद्र ने दूसरी शादी कर ली है और एक किराए के मकान में अपनी पत्नी और बेटे के साथ रहता है।
छह महीने पहले सुरेंद्र अपने साले की शादी में शंकरपुर गांव भी गया था। पुलिस ने जब सुरेंद्र की दूसरी पत्नी के भाई से पूछताछ की, तो पता चला कि वह गुरुग्राम में मजदूर के रूप में काम करता है। पुलिस को अब सुरेंद्र की पत्नी का फोन नंबर और पता भी मिल गया।
सुरेंद्र की सबसे बड़ी कमजोरी उसकी पुरानी आदत थी – हर सुबह चाय के साथ बिस्किट खाना। इसी सुराग के आधार पर पुलिस ने सादे कपड़ों में दो दिनों तक उसके घर के पास निगरानी रखी।
14 नवंबर की सुबह जब सुरेंद्र अपने छोटे बेटे के साथ बिस्किट खरीदने निकला, तो पुलिस ने उसे तुरंत गिरफ्तार कर लिया।
गिरफ्तार सुरेंद्र को गुजरात पुलिस उत्तर प्रदेश से सूरत लाई और अदालत में पेश किया गया। इस ऑपरेशन में पुलिस की धैर्यपूर्ण जांच, छोटे-छोटे सुरागों को जोड़ने की कला और एक साधारण आदत का इस्तेमाल सबसे अहम साबित हुआ।
रिपोर्ट :सुरेंद्र कुमार

