मुंबई, 1 दिसंबर 2025 महाराष्ट्र की राजनीति में भूचाल आ गया है! महाराष्ट्र राज्य चुनाव आयोग (SEC) ने वोटिंग से महज एक दिन पहले धमाकेदार एक्शन लेते हुए 20 नगर पंचायतों और नगर परिषदों के चुनाव रद्द कर दिए हैं। इनमें राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के दिग्गज नेता और उपमुख्यमंत्री अजित पवार का गढ़ बारामती भी शामिल है। आयोग ने प्रक्रियागत अनियमितताओं, अवैध सिंबल आवंटन और कोर्ट केसों का हवाला देते हुए यह फैसला लिया है। अब इन सभी जगहों पर मतदान 20 दिसंबर को होगा, जबकि बाकी 246 नगर परिषदों और 42 नगर पंचायतों में 2 दिसंबर को ही वोटिंग होगी।
यह फैसला रविवार को SEC के आदेश में आया, जिसने पूरे राज्य में सनसनी फैला दी है। आयोग ने साफ कहा कि 26 नवंबर 2025 या उसके बाद रिटर्निंग ऑफिसर (RO) द्वारा किया गया कोई भी सिंबल आवंटन अमान्य है, क्योंकि उम्मीदवारों को नाम वापस लेने के लिए कानूनी समय (3 दिन) नहीं दिया गया था। महाराष्ट्र म्युनिसिपल इलेक्शन रूल्स 1966 के नियम 17(1)(b) का सीधा उल्लंघन होने से चुनाव प्रक्रिया को तुरंत रोक दिया गया है।
आयोग के फैसले पर गरमाई सियासत: यशोमती ठाकुर का तीखा हमला
इस फैसले ने राज्य की राजनीति को गरमा दिया है। कांग्रेस की वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री यशोमती ठाकुर ने SEC पर पक्षपात का आरोप लगाते हुए कहा, “यह फैसला संदिग्ध लग रहा है। बारामती जैसे प्रमुख इलाके में चुनाव टालना साफ तौर पर राजनीतिक साजिश का हिस्सा है। हम कोर्ट जाएंगे और इसकी निष्पक्ष जांच की मांग करेंगे।” वहीं, NCP (अजित पवार गुट) ने इसे “तकनीकी खामी” बताते हुए कहा कि वे नए शेड्यूल के अनुसार तैयार हैं। BJP ने चुप्पी साधी है, लेकिन विपक्षी दलों ने इसे “चुनावी हेरफेर” करार दिया है। यह मामला अब हाईकोर्ट तक पहुंच सकता है, जो राज्य की लोकल बॉडी पॉलिटिक्स को नया मोड़ दे सकता है।
क्यों रद्द हुए चुनाव? आयोग की मुख्य वजहें

SEC के 29 नवंबर के आदेश में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि कई जगहों पर अपीलों का फैसला 22 नवंबर की डेडलाइन के बाद आया, जिससे उम्मीदवारों को नाम वापस लेने का मौका नहीं मिला। कुछ मामलों में काउंसिल चीफ के पद पर कोर्ट केस लंबित होने से पूरा चुनाव टल गया, जबकि अन्य जगहों पर सिर्फ चुनिंदा वार्ड प्रभावित हुए। आयोग ने फरमान जारी किया: “प्रभावित सीटों के लिए प्रक्रिया नया सिरे से शुरू होगी। नाम वापसी की अंतिम तारीख 10 दिसंबर, सिंबल वितरण 11 दिसंबर, और वोटिंग 20 दिसंबर सुबह 7:30 से शाम 5:30 बजे। मतगणना 21 दिसंबर को।”
किन-किन जगहों पर टला वोट? पूरी लिस्ट
सूत्रों के मुताबिक, रद्द हुए चुनावों की सूची में पुणे, अहमदनगर, सतारा, यवतमाल, चंद्रपुर, अकोला, अमरावती, धाराशिव, सोलापुर, ठाणे और नांदेड़ जिले शामिल हैं। प्रमुख प्रभावित स्थान:
- पुणे जिला: बारामती, तलेगांव दाभाडे, फुरसुंगी-उरुली देवाची, लोनावला, दौंड, सासवाड।
- अहमदनगर: देवलाली, कोपरगांव, नेवासा, पाथर्डी।
- सतारा: फलटन, महाबलेश्वर।
- यवतमाल: डिग्रास, पंढरकावड़ा, वानी।
- चंद्रपुर: घुग्गुस, गडचिरोली, मूल।
- अकोला: बालापुर।
- अमरावती: अंजनगांव-सुरजी।
- धाराशिव (उस्मानाबाद): धाराशिव।
- सोलापुर: मंगलवेढ़ा।
- ठाणे: बदलापुर।
- नांदेड़: मुखेड़, धर्माबाद।
कुल 20 लोकल बॉडीज प्रभावित, जिनमें सैकड़ों वार्ड शामिल हैं। बाकी चुनावों पर कोई असर नहीं।
क्या होगा आगे? नागरिक सतर्क रहें
SEC ने साफ किया कि नए नामांकन स्वीकार नहीं होंगे, सिर्फ मौजूदा नाम वापस लिए जा सकेंगे। राज्य में कुल 1.07 करोड़ वोटर हैं, और ये चुनाव BMC के बाद लोकल पॉलिटिक्स का बड़ा संकेतक माने जा रहे थे। विशेषज्ञों का मानना है कि यह फैसला महाराष्ट्र की सियासत में नया ट्विस्ट लाएगा, खासकर पवार परिवार के गढ़ में। मतदाता नए शेड्यूल पर नजर रखें—20 दिसंबर को EVM से वोटिंग होगी।
रिपोर्ट :सुरेंद्र कुमार

