रेलवे पार्सल बिजनेस में बड़ा सुधार: छोटे व्यापारियों-किसानों को मिली राहत, एग्रीगेटर रजिस्ट्रेशन की शर्तें हुईं आसान

नई दिल्ली, 13 दिसंबर 2025: भारतीय रेलवे ने अपने पार्सल बिजनेस को बढ़ावा देने के लिए महत्वपूर्ण सुधार किए हैं। छोटे व्यापारियों और किसानों को ध्यान में रखते हुए एग्रीगेटर के रूप में रजिस्ट्रेशन की शर्तों में बड़ी छूट दी गई है। ये बदलाव सभी जोनल रेलवे पर लागू किए गए हैं, ताकि अधिक से अधिक लोग इसका लाभ उठा सकें।

Kisan Rail with mangos leave for Delhi from T'gana's Jagtiyal ...

मुख्य सुधार और छूट

  • एंट्री बैरियर हटाए गए: जॉइंट पार्सल प्रोडक्ट-रैपिड कार्गो सर्विस (जेपीपी-आरसीएस) के लिए लॉजिस्टिक्स, कार्गो/कूरियर हैंडलिंग और ट्रांसपोर्टेशन बिजनेस में 50 लाख रुपये के न्यूनतम नेट टर्नओवर की शर्त पूरी तरह हटा दी गई।
  • एम्पैनलमेंट फीस आधी: फ्रेट फॉरवर्डर्स/ट्रांसपोर्टर्स को एग्रीगेटर्स के रूप में पैनल में शामिल करने की फीस 20,000 रुपये प्लस जीएसटी से घटाकर 10,000 रुपये प्लस जीएसटी कर दी गई।
  • पार्सल कार्गो एक्सप्रेस लीजिंग पॉलिसी: पीसीइटी टेंडर्स में भाग लेने के लिए 10 करोड़ रुपये के नेट टर्नओवर की फाइनेंशियल एलिजिबिलिटी क्राइटेरिया समाप्त।
  • ई-ऑक्शन में राहत: पार्सल वैन और एसएलआर की ई-ऑक्शन में भी नेट टर्नओवर की शर्त हटाई गई।

इन लिबरलाइजेशन के बाद कई नए ट्रेडर्स ने जोनल रेलवे पर एग्रीगेटर के रूप में रजिस्ट्रेशन कराया है। रजिस्टर्ड एग्रीगेटर्स की संख्या 24 से बढ़कर 102 हो गई है। इससे पैसेंजर ट्रेनों और पार्सल कार्गो एक्सप्रेस में उपलब्ध एसएलआर स्पेस का बेहतर उपयोग हो सकेगा।

Parcel leasing policy of india railwaysi | PPTX

अन्य महत्वपूर्ण बदलाव

  • एसएलआर स्पेस लीजिंग में फ्लेक्सिबिलिटी: अब एसएलआर पार्सल वैन या ट्रेन के सरप्लस स्पेस को जरूरत के अनुसार कम अवधि (10 से 90 दिन) के लिए भी लीज पर दिया जा सकता है।
  • खाली दिशा में इंसेंटिव: पारंपरिक रूप से खाली रहने वाली दिशाओं में लोड किए गए पार्सल ट्रैफिक के लिए कम रेट वाली इंसेंटिव स्कीम शुरू। इससे लॉजिस्टिक्स लागत कम होगी और उपलब्ध स्पेस का पूरा उपयोग होगा।
  • कॉनकोर की भागीदारी: कॉनकोर ने भी पार्सल बिजनेस में एग्रीगेटर के रूप में रजिस्ट्रेशन किया है। इस पार्टनरशिप से फर्स्ट माइल से लास्ट माइल तक सर्विस उपलब्ध होगी।
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रेलवे अधिकारियों का कहना है कि ये सुधार छोटे व्यापारियों, किसानों और एमएसएमई सेक्टर को मजबूत बनाएंगे। पार्सल बिजनेस में अधिक भागीदारी से रेलवे की आय बढ़ेगी और लॉजिस्टिक्स अधिक किफायती होगी। इन बदलावों से रेलवे का पार्सल सेगमेंट तेजी से बढ़ने की उम्मीद है।

रिपोर्ट :सुरेंद्र कुमार

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