पहलगाम आतंकी हमले के बाद मुंबई हाई अलर्ट पर RPF/GRP पुलिस ने किया मॉक ड्रिल

  • पहलगाम हमला: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल 2025 को हुए आतंकी हमले में 27 पर्यटकों की मौत, 20 से अधिक घायल। लश्कर-ए-तैयबा के सहयोगी संगठन ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट’ (TRF) ने ली जिम्मेदारी।
  • मुंबई में हाई अलर्ट: हमले के बाद मुंबई, दिल्ली, यूपी, और उत्तराखंड में हाई अलर्ट। धार्मिक स्थलों, पर्यटन केंद्रों और रेलवे स्टेशनों पर सुरक्षा कड़ी।
  • रेलवे पुलिस की मॉक ड्रिल: 27 अप्रैल 2025 को मुंबई रेलवे पुलिस ने प्रमुख स्टेशनों पर मॉक ड्रिल आयोजित की, जिसमें आग, बम धमाका और आतंकी हमले जैसी आपात स्थितियों का अभ्यास किया गया।

विस्तृत खबर

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में बैसरन घाटी, जिसे ‘मिनी स्विट्जरलैंड’ के नाम से जाना जाता है, वहां मंगलवार दोपहर 2:45 बजे आतंकियों ने पर्यटकों पर अंधाधुंध गोलीबारी की। चार आतंकियों ने सेना जैसी वर्दी में हमला किया, जिसमें M4 कार्बाइन और AK-47 जैसे हथियारों का इस्तेमाल हुआ। जांच में पता चला कि आतंकियों ने लोगों के नाम पूछकर और ‘कलमा’ पढ़ने को कहकर चुन-चुनकर गोली मारी। इस हमले ने 2019 के पुलवामा हमले के बाद घाटी में सबसे घातक आतंकी घटना के रूप में देश को झकझोर दिया।

हमले के बाद भारत ने सख्त रुख अपनाया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति (CCS) की ढाई घंटे की बैठक में जवाबी कार्रवाई के लिए पांच बड़े फैसले लिए गए। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आतंकियों और उनके आकाओं के “समूल नाश” की घोषणा की।

मुंबई में सुरक्षा के कड़े इंतजाम

पहलगाम हमले के बाद मुंबई में हाई अलर्ट घोषित किया गया। खुफिया जानकारी के आधार पर, शहर के प्रमुख रेलवे स्टेशनों, धार्मिक स्थलों, और भीड़भाड़ वाले इलाकों में सुरक्षा बढ़ा दी गई। रविवार, 27 अप्रैल 2025 को, रेलवे पुलिस ने छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस (CSMT), दादर, बांद्रा, कुर्ला, और अन्य स्टेशनों पर व्यापक मॉक ड्रिल आयोजित की। इस ड्रिल में शामिल थे:

  • आपातकालीन परिदृश्य: ट्रेन में आग, बम विस्फोट, और आतंकी हमले की स्थिति में प्रतिक्रिया का अभ्यास।
  • समन्वय: रेलवे पुलिस, सुरक्षा एजेंसियों, और आपातकालीन चिकित्सा सेवाओं के बीच तालमेल।
  • उद्देश्य: यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करना और आपात स्थिति में व्यवधान को न्यूनतम करना।
  • आरपीएफ के वरिष्ठ मंडल सुरक्षा आयुक्त ऋषि कुमार शुक्ला ने कहा, “सीएसएमटी, दादर, एलटीटी और अन्य प्रमुख स्टेशनों पर हमने सशस्त्र दलों सहित अपनी ताकत बढ़ा दी है। जनशक्ति में वृद्धि देखी जाएगी और हमने जीआरपी के साथ समन्वय किया है और संयुक्त तैनाती अधिक है। हमने अपने कर्मचारियों को सतर्क, संवेदनशील और सक्रिय रहने का निर्देश दिया है। सीसीटीवी निगरानी कड़ी की जाएगी।

एआई-आधारित बैगेज स्कैनर खरीद के अंतिम चरण में है

साथ ही, नियमित उद्घोषणाओं और यात्री जागरूकता अभियानों के माध्यम से, जहाँ भी उन्हें कुछ संदिग्ध लगता है, वहाँ सामुदायिक पुलिसिंग के पहलू को भी ध्यान में रखा जाता है। अकेले सीएसएमटी के लिए 80 कैमरे लगाए गए हैं। सीएसएमटी के लिए एक नया एआई-आधारित बैगेज स्कैनर खरीद के अंतिम चरण में है और अन्य स्टेशन भी उपयोगी होंगे। सुरक्षा को बेहतर बनाने के लिए आधुनिक संचार उपकरणों का भी उपयोग किया जा रहा है।”

राष्ट्रीय प्रतिक्रिया

  • दिल्ली और यूपी: दिल्ली में पर्यटन स्थलों और यूपी के अयोध्या, काशी, मथुरा जैसे धार्मिक स्थलों पर सुरक्षा बढ़ाई गई।
  • उत्तराखंड: देहरादून में सघन चेकिंग अभियान चलाया जा रहा है, जिसमें श्वान दल और मेटल डिटेक्टर का उपयोग हो रहा है।
  • जांच: हमले का मास्टरमाइंड लश्कर-ए-तैयबा का डिप्टी चीफ सैफुल्लाह खालिद माना जा रहा है, जो पाकिस्तान में है। पांच आतंकियों में दो स्थानीय और तीन पाकिस्तानी थे।

ऐतिहासिक संदर्भ

मुंबई हमेशा से आतंकियों के निशाने पर रही है। 2008 के 26/11 हमले में 166 लोग मारे गए थे, जिसमें छत्रपति शिवाजी टर्मिनस भी निशाना बना था। उस हमले में लश्कर-ए-तैयबा के 10 आतंकियों ने समुद्र के रास्ते घुसपैठ की थी। हाल ही में, 26/11 के मास्टरमाइंड तहव्वुर राणा को अमेरिका से प्रत्यर्पित किया गया, और मुंबई पुलिस ने उनसे 8 घंटे तक पूछताछ की।

भविष्य की योजना

रेलवे और मुंबई पुलिस ने संकेत दिए हैं कि त्योहारों और आगामी महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों को देखते हुए सुरक्षा और मॉक ड्रिल की आवृत्ति बढ़ाई जाएगी। यह कदम न केवल आतंकी खतरों से निपटने के लिए, बल्कि यात्रियों और नागरिकों में विश्वास बनाए रखने के लिए भी महत्वपूर्ण है।

निष्कर्ष

पहलगाम आतंकी हमले ने एक बार फिर देश की सुरक्षा व्यवस्था को चुनौती दी है। मुंबई, जो भारत की आर्थिक राजधानी है, ने तत्काल कदम उठाते हुए अपनी तैयारियों को मजबूत किया है। रेलवे पुलिस की मॉक ड्रिल और सुरक्षा बलों की सतर्कता यह सुनिश्चित करती है कि शहर किसी भी आपात स्थिति का सामना करने के लिए तैयार है।

रिपोर्ट : सुरेंद्र कुमार

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