पहलगाम आतंकी हमले में तीन आतंकियों की पहचान, कोड नेम से छिपाई असलियत

श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले की जांच में सुरक्षा एजेंसियों को बड़ी कामयाबी मिली है। हमले में शामिल तीन आतंकवादियों—आसिफ फौजी, सुलेमान शाह, और अबू तल्हा—की पहचान कर ली गई है। ये तीनों आतंकी संगठन द रेजिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) के सदस्य हैं और अपनी असली पहचान छिपाने के लिए मूसा, यूनुस, और आसिफ जैसे कोड नेम का इस्तेमाल करते थे। इस हमले में 26 पर्यटकों सहित 28 लोगों की जान गई थी।
तलाशी अभियान तेज, स्केच जारी

सुरक्षा एजेंसियों ने चश्मदीदों के बयानों के आधार पर आतंकियों के स्केच जारी किए हैं और उनकी धरपकड़ के लिए व्यापक तलाशी अभियान शुरू किया है। भारतीय सेना की चिनार कोर ने पुष्टि की कि आतंकियों को पकड़ने के लिए ऑपरेशन जारी है। अधिकारियों के मुताबिक, ये आतंकी पहले पुंछ इलाके में सक्रिय थे और कई आतंकी हमलों में शामिल रहे हैं।
क्यों इस्तेमाल करते हैं कोड नेम?
सुरक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि आतंकी कोड नेम का उपयोग भ्रम पैदा करने, सुरक्षा एजेंसियों को गुमराह करने, और अपने नेटवर्क में पहचान बदलने के लिए करते हैं। यह रणनीति उन्हें पकड़े जाने से बचाने में मदद करती है।
पर्यटकों का पलायन, कश्मीर में मायूसी
हमले के बाद हजारों पर्यटक डर के मारे कश्मीर छोड़कर जा रहे हैं। मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने इसे दुखद बताते हुए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर लिखा, “हमारे मेहमानों को इस तरह घाटी छोड़ते देख दिल टूट रहा है, लेकिन उनकी सुरक्षा हमारी प्राथमिकता है।” पर्यटकों की वापसी के लिए डीजीसीए और नागरिक उड्डयन मंत्रालय अतिरिक्त उड़ानों की व्यवस्था कर रहे हैं। श्रीनगर-जम्मू के बीच राष्ट्रीय राजमार्ग-44 को भी एक दिशा में यातायात के लिए बहाल कर दिया गया है।
आगे क्या?
यह हमला कश्मीर घाटी में सुरक्षा स्थिति की गंभीरता को दर्शाता है। सुरक्षा बल आतंकियों को पकड़ने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ रहे। साथ ही, सरकार पर्यटकों के बीच विश्वास बहाल करने और क्षेत्र में शांति स्थापित करने के लिए कदम उठा रही है।
रिपोर्ट : सुरेंद्र कुमार
