भारत सरकार ने पाकिस्तानी वैध वीजा धारकों को देश छोड़ जाने के लिए कहा है,पाकिस्तान से आई सीमा हैदर का क्या होगा ! जानिए  

क्या सीमा हैदर को भी भारत छोड़कर वापस पाकिस्तान जाना होगा?

 
सीमा हैदर और सचिन मीणा का मामला एक बार फिर चर्चा में है, खासकर पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत सरकार द्वारा पाकिस्तानी नागरिकों के दक्षेस वीजा रद्द करने के फैसले के बाद। सीमा हैदर, जो पाकिस्तान से नेपाल के रास्ते अपने चार बच्चों के साथ भारत आई थीं और ग्रेटर नोएडा में सचिन मीणा के साथ रह रही हैं, अब सवालों के घेरे में हैं कि क्या उन्हें अपने बच्चों के साथ पाकिस्तान वापस जाना पड़ेगा।

मुख्य बिंदु:

  1. कानूनी स्थिति: सीमा हैदर का मामला वर्तमान में भारतीय अदालतों में विचाराधीन है। उन्होंने सचिन मीणा से हिंदू रीति-रिवाजों के साथ शादी की है और भारत में उनकी एक बेटी भी है। इससे उनकी कानूनी स्थिति जटिल हो गई है। अदालत का फैसला और उत्तर प्रदेश सरकार की रिपोर्ट उनके भविष्य पर निर्णायक होगी।
  2. पहलगाम हमले और वीजा नीति: 23 अप्रैल 2025 को पहलगाम में हुए आतंकी हमले, जिसमें 26 लोग मारे गए, के बाद भारत सरकार ने सख्त कदम उठाए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई सीसीएस बैठक में पाकिस्तानी नागरिकों के दक्षेस वीजा रद्द करने और 48 घंटे में भारत छोड़ने का आदेश दिया गया। हालांकि, सीमा का मामला कोर्ट में होने और उनकी शादी व बच्ची के कारण सामान्य वीजा धारकों से अलग है।
  3. गुलाम हैदर की मांग: सीमा के पहले पति गुलाम हैदर ने अपने चार बच्चों की कस्टडी और सीमा की भारत में शादी की वैधता को चुनौती दी है। उन्होंने नोएडा की पारिवारिक अदालत में याचिका दायर की है और नेपाल में मानव तस्करी के आरोप में शिकायत दर्ज की है। गुलाम ने बच्चों की वापसी के लिए पाकिस्तान के बाल अधिकार आयोग के माध्यम से भी अपील की है।
  4. सीमा की स्थिति: सीमा ने हिंदू धर्म अपना लिया है और दावा किया है कि पाकिस्तान में उनके पहले पति से प्रताड़ना के कारण वे भारत आईं। उनकी गिरफ्तारी 4 जुलाई 2023 को अवैध प्रवेश के आरोप में हुई थी, लेकिन उन्हें जमानत मिल गई। उनकी नागरिकता और बच्चों की स्थिति पर फैसला अदालत और केंद्र सरकार पर निर्भर है।

क्या होगा सीमा का भविष्य?

  • वापसी की संभावना: वीजा रद्द करने का फैसला सामान्य पाकिस्तानी नागरिकों पर लागू है, लेकिन सीमा का मामला कानूनी और व्यक्तिगत आधार पर अलग है। उनके भारतीय नागरिक से विवाह और भारत में जन्मी बेटी के कारण तुरंत निर्वासन की संभावना कम है।
  • अदालत की भूमिका: सीमा और सचिन के खिलाफ गुलाम हैदर की याचिकाओं पर सुनवाई चल रही है। नोएडा की फैमिली कोर्ट ने सीमा, सचिन, उनके वकील एपी सिंह और शादी से जुड़े लोगों को समन जारी किया है। अदालत का अंतिम फैसला उनकी स्थिति तय करेगा।
  • सामाजिक और राजनीतिक दबाव: पहलगाम हमले के बाद भारत-पाकिस्तान तनाव बढ़ा है, जिससे सीमा के मामले पर सार्वजनिक और सोशल मीडिया का ध्यान बढ़ गया है। कुछ लोग उनकी वापसी की मांग कर रहे हैं, जबकि उनके समर्थक उनकी प्रेम कहानी और भारत में रहने की इच्छा का समर्थन करते हैं।

निष्कर्ष:

सीमा हैदर को तत्काल पाकिस्तान वापस भेजे जाने की संभावना कम है, क्योंकि उनका मामला कानूनी प्रक्रिया में उलझा है और उनकी शादी व बच्ची उनकी स्थिति को मजबूत करती है। हालांकि, गुलाम हैदर की याचिकाएं और बच्चों की कस्टडी का मुद्दा जटिलताएं बढ़ा सकता है। अंतिम फैसला अदालत और सरकार के दृष्टिकोण पर निर्भर करेगा।


रिपोर्ट :सुरेंद्र कुमार

यह मामला संवेदनशील है, और इसमें अंतरराष्ट्रीय कानून, मानवाधिकार, और भारत-पाकिस्तान संबंधों के पहलू शामिल हैं। इसलिए, स्थिति पर नजर रखना जरूरी है।

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