परिचय
15 अप्रैल, 2025 को मुंबई पुलिस को एक धमकी भरा फोन कॉल प्राप्त हुआ, जिसमें दावा किया गया कि पूरी मुंबई को बम से उड़ा दिया जाएगा। कॉल करने वाले ने खुद को अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम की D-कंपनी का सदस्य बताया। इस घटना ने शहर में हड़कंप मचा दिया, और पुलिस ने तुरंत कार्रवाई शुरू कर दी। इस खबर ने न केवल मुंबई बल्कि पूरे देश में सनसनी फैला दी, क्योंकि दाऊद इब्राहिम और उसकी D-कंपनी का नाम दशकों से संगठित अपराध और आतंकवादी गतिविधियों से जुड़ा रहा है।

मुंबई पुलिस के कंट्रोल रूम को प्राप्त फोन कॉल में कॉलर ने स्पष्ट रूप से कहा, “D-कंपनी से बोल रहा हूं, मुंबई को बम से उड़ा दूंगा।” इस धमकी ने 1993 के मुंबई सिलसिलेवार बम विस्फोटों की यादें ताजा कर दीं, जिनके पीछे दाऊद इब्राहिम और उसका सहयोगी टाइगर मेमन का नाम सामने आया था। पुलिस ने तुरंत कॉल की जांच शुरू की और कॉलर की पहचान के लिए तकनीकी संसाधनों का उपयोग किया।

जांच के दौरान, पुलिस ने कॉल करने वाले व्यक्ति को गिरफ्तार कर लिया, जिसकी पहचान सूरज जाधव के रूप में हुई। प्रारंभिक पूछताछ में यह सामने आया कि सूरज ने D-कंपनी के नाम का दुरुपयोग कर धमकी दी थी, लेकिन यह अभी स्पष्ट नहीं है कि उसका वास्तव में D-कंपनी से कोई संबंध है या उसने व्यक्तिगत कारणों से यह कॉल किया। पुलिस इस मामले में गहन जांच कर रही है ताकि धमकी के पीछे के असली मकसद और संभावित खतरे का पता लगाया जा सके।
दाऊद इब्राहिम और D-कंपनी का इतिहास
दाऊद इब्राहिम, जिसे भारत का सबसे कुख्यात अंडरवर्ल्ड डॉन माना जाता है, D-कंपनी का संस्थापक है। यह संगठन 1980 के दशक से मुंबई के संगठित अपराध जगत में सक्रिय है और नशीली दवाओं की तस्करी, उगाही, हत्या, और आतंकवादी गतिविधियों में शामिल रहा है। 1993 के मुंबई बम विस्फोट, जिसमें 257 लोग मारे गए और 1,400 से अधिक घायल हुए, D-कंपनी की सबसे घातक गतिविधियों में से एक थे। इन हमलों को दाऊद और टाइगर मेमन ने कथित तौर पर पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI के सहयोग से अंजाम दिया था।
दाऊद इब्राहिम वर्तमान में फरार है और माना जाता है कि वह पाकिस्तान में छिपा हुआ है, हालांकि पाकिस्तान ने बार-बार उसके वहां होने से इनकार किया है। भारत ने उसे 20 सबसे वांछित भगोड़ों की सूची में शामिल किया है, और 2003 में अमेरिका ने उसे वैश्विक आतंकवादी घोषित किया था। D-कंपनी का प्रभाव, हालांकि 1990 के दशक की तुलना में कम हुआ है, लेकिन आज भी मुंबई और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मौजूद है।
पुलिस की कार्रवाई और जनता की प्रतिक्रिया
मुंबई पुलिस ने इस धमकी को गंभीरता से लिया और तुरंत कई स्तरों पर कार्रवाई शुरू की। शहर में सुरक्षा बढ़ा दी गई, खासकर भीड़भाड़ वाले इलाकों, रेलवे स्टेशनों, हवाई अड्डों और अन्य संवेदनशील स्थानों पर। बम निरोधक दस्तों को तैनात किया गया, और खुफिया एजेंसियों को इस मामले की गहन जांच के लिए सक्रिय किया गया।
जनता में इस खबर ने डर और चिंता पैदा की, खासकर क्योंकि मुंबई पहले भी आतंकवादी हमलों का शिकार रही है। सोशल मीडिया पर लोग अपनी चिंताएं व्यक्त कर रहे हैं, और कुछ ने मुंबई पुलिस की त्वरित कार्रवाई की सराहना की। हालांकि, कई लोगों ने यह भी सवाल उठाया कि क्या यह धमकी वास्तविक थी या केवल किसी की शरारत।
हाल के संदर्भ और मुंबई में अंडरवर्ल्ड की स्थिति
हाल के वर्षों में मुंबई में अंडरवर्ल्ड की गतिविधियां काफी हद तक नियंत्रित हो चुकी हैं, खासकर 1990 के दशक के अंत में महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण अधिनियम (MCOCA) लागू होने के बाद। हालांकि, हाल की कुछ घटनाओं, जैसे कि NCP नेता बाबा सिद्दीकी की हत्या और सलमान खान को मिल रही धमकियां, ने यह आशंका जताई है कि अंडरवर्ल्ड फिर से सक्रिय हो सकता है। लॉरेंस बिश्नोई जैसे नए गैंगस्टरों के उभरने और उनकी D-कंपनी की तरह संगठित अपराध में प्रवेश करने की कोशिश ने भी चिंता बढ़ाई है।
इस धमकी भरे कॉल ने एक बार फिर यह सवाल उठाया है कि क्या मुंबई का अंडरवर्ल्ड पूरी तरह खत्म हो चुका है या यह केवल सुप्त अवस्था में है। विशेषज्ञों का मानना है कि हालांकि D-कंपनी का प्रभाव कम हुआ है, लेकिन इस तरह की धमकियां शहर की सुरक्षा व्यवस्था को चुनौती दे सकती हैं।
हकीकत !
15 अप्रैल, 2025 की यह धमकी भरी कॉल, भले ही प्रारंभिक जांच में शरारत प्रतीत हो, मुंबई की सुरक्षा के लिए एक गंभीर चेतावनी है। दाऊद इब्राहिम और D-कंपनी का नाम आज भी आतंक का पर्याय है, और इस तरह की घटनाएं शहर के अतीत के घावों को फिर से ताजा कर देती हैं। मुंबई पुलिस की त्वरित कार्रवाई सराहनीय है, लेकिन यह जरूरी है कि इस मामले की गहन जांच हो ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।
मुंबई, जो अपनी लचीलता और “मुंबई स्पिरिट” के लिए जानी जाती है, इस चुनौती से भी उबरने में सक्षम है। लेकिन इसके लिए पुलिस, प्रशासन और नागरिकों को मिलकर जागरूकता व सतर्कता से काम करना होगा ताकि शहर को सुरक्षित और भयमुक्त रखा जा सके।
रिपोर्ट : सुरेंद्र कुमार
