हरियाणा में 5 लाख लोगों को रोजगार का वादा: कितना सच, कितना खोखला? CM सैनी ने खोला प्लान का पिटारा

चंडीगढ़, 11 अप्रैल 2025: हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने हाल ही में एक बड़े निवेश प्रोजेक्ट की घोषणा की है, जिसके तहत राज्य में करीब 5 लाख लोगों के लिए रोजगार के नए अवसर सृजित होने का दावा किया गया है। इस महत्वाकांक्षी योजना के केंद्र में एक लाख करोड़ रुपये से अधिक के निवेश वाली परियोजना है, जिसका असर लगभग 16 लाख लोगों के जीवन पर पड़ने की बात कही जा रही है। लेकिन सवाल यह है कि क्या यह वादा धरातल पर उतरेगा या सिर्फ चुनावी जुमला साबित होगा? आइए, इस घोषणा के हर पहलू को करीब से समझते हैं।

CM सैनी का प्लान: क्या है खास?

मुख्यमंत्री सैनी ने अपने बयान में कहा कि यह परियोजना हरियाणा के औद्योगिक और बुनियादी ढांचे को मजबूत करने की दिशा में एक बड़ा कदम है। उनके अनुसार, इस प्रोजेक्ट से न केवल रोजगार सृजन होगा, बल्कि राज्य की आर्थिक प्रगति को भी नई गति मिलेगी। परियोजना में निम्नलिखित क्षेत्रों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा:

  • औद्योगिक विकास: नए उद्योगों की स्थापना और मौजूदा उद्योगों का विस्तार।
  • फिल्म सिटी प्रोजेक्ट: पंचकूला के पिंजौर में 100 एकड़ में बनने वाली फिल्म सिटी, जो रोजगार के साथ-साथ सांस्कृतिक विकास को बढ़ावा देगी।
  • कनेक्टिविटी और इन्फ्रास्ट्रक्चर: सड़क, पुल, और बिजली जैसी परियोजनाएं जो अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार पैदा करेंगी।
  • कृषि और ग्रामीण विकास: ग्रामीण क्षेत्रों में छोटे उद्यमों को प्रोत्साहन, जिससे स्थानीय स्तर पर रोजगार बढ़े।

सीएम सैनी ने दावा किया कि यह प्रोजेक्ट न केवल युवाओं को रोजगार देगा, बल्कि हरियाणा को आत्मनिर्भर बनाने में भी मदद करेगा। उन्होंने यह भी जोड़ा कि सरकार पारदर्शी तरीके से भर्तियां करेगी, जिसमें “न पर्ची, न खर्ची” की नीति अपनाई जाएगी।

क्या कहते हैं आंकड़े?

पिछले कुछ वर्षों में हरियाणा सरकार ने रोजगार सृजन को लेकर कई दावे किए हैं। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार:

  • पिछले 10 वर्षों में 1.75 लाख युवाओं को सरकारी नौकरियां दी गई हैं।
  • 2024 में 1.20 लाख अस्थायी कर्मचारियों को स्थायी करने का फैसला लिया गया।
  • हाल ही में 25,000 नई नौकरियों का ऐलान किया गया, जिसमें CET पास बेरोजगारों को प्राथमिकता दी जाएगी।

हालांकि, विपक्षी दलों का कहना है कि ये आंकड़े हकीकत से कोसों दूर हैं। कांग्रेस और आप ने आरोप लगाया है कि बेरोजगारी दर में कमी के दावे कागजी हैं और जमीनी स्तर पर युवा रोजगार के लिए भटक रहे हैं।

क्या हैं चुनौतियां?

इस बड़े वादे के सामने कई चुनौतियां भी हैं, जिन्हें नजरअंदाज नहीं किया जा सकता:

  1. निवेश का अमल: एक लाख करोड़ रुपये का निवेश आकर्षित करना और उसे सही दिशा में लगाना आसान नहीं होगा। पहले भी कई बड़े प्रोजेक्ट्स में देरी और लागत बढ़ने की समस्याएं सामने आई हैं।
  2. कुशल कार्यबल: 5 लाख रोजगार सृजित करने के लिए कुशल और प्रशिक्षित युवाओं की जरूरत होगी। क्या सरकार के पास इसके लिए ठोस योजना है?
  3. निजी क्षेत्र की भागीदारी: इस प्रोजेक्ट की सफलता निजी कंपनियों के सहयोग पर निर्भर करेगी। यदि निजी निवेश अपेक्षा के अनुरूप नहीं आया, तो यह योजना प्रभावित हो सकती है।
  4. पारदर्शिता: भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता और योग्यता को सुनिश्चित करना सरकार के लिए बड़ी चुनौती होगी।

जमीनी हकीकत: लोगों की राय

हरियाणा के युवाओं में इस घोषणा को लेकर मिली-जुली प्रतिक्रिया है। रोहतक के एक बेरोजगार युवा अमित कुमार कहते हैं, “ऐसे वादे पहले भी सुने हैं, लेकिन नौकरी मिलती नहीं। अगर सरकार सचमुच 5 लाख नौकरियां दे दे, तो यह हमारे लिए बड़ा बदलाव होगा।” वहीं, गुरुग्राम की IT कर्मचारी प्रियंका शर्मा का कहना है, “फिल्म सिटी और औद्योगिक प्रोजेक्ट्स से निश्चित रूप से अवसर बढ़ेंगे, लेकिन इनका लाभ सभी वर्गों तक पहुंचना चाहिए।”

विपक्ष का तंज: “जुमला या हकीकत?”

कांग्रेस नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने इस घोषणा को “चुनावी जुमला” करार दिया। उन्होंने कहा, “हरियाणा में बेरोजगारी चरम पर है। सरकार बड़े-बड़े दावे करती है, लेकिन जमीनी स्तर पर कुछ नहीं होता।” आम आदमी पार्टी ने भी सरकार से इस प्रोजेक्ट की समयसीमा और कार्ययोजना सार्वजनिक करने की मांग की है।

क्या कहते हैं विशेषज्ञ?

आर्थिक विशेषज्ञों का मानना है कि हरियाणा में निवेश की संभावनाएं मजबूत हैं, लेकिन इस तरह की बड़ी परियोजनाओं को लागू करने में समय लगता है। दिल्ली के अर्थशास्त्री डॉ. संजय गुप्ता कहते हैं, “5 लाख रोजगार का लक्ष्य महत्वाकांक्षी है, लेकिन इसे हासिल करने के लिए सरकार को नीतिगत सुधार, निजी क्षेत्र के साथ सहयोग और स्किल डेवलपमेंट पर ध्यान देना होगा।”

आगे की राह

सीएम सैनी ने भरोसा दिलाया है कि उनकी सरकार इस प्रोजेक्ट को प्राथमिकता देगी और हर कदम पर पारदर्शिता बरती जाएगी। उन्होंने कहा, “हमने पहले भी अपने वादे पूरे किए हैं, और यह भी पूरा होगा।” सरकार ने इस प्रोजेक्ट के लिए कंसल्टेंट नियुक्त करने और जमीन आवंटन की प्रक्रिया शुरू कर दी है।

रिपोर्ट : सुरेंद्र कुमार

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!