नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को एक याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें मतदान के दौरान वोटर वेरिफाइड पेपर ऑडिट ट्रेल (VVPAT) पर्चियों की 100% मैनुअल गिनती की मांग की गई थी। कोर्ट ने कहा कि इस मुद्दे पर पहले ही फैसला हो चुका है और इसे दोबारा सुनवाई के लिए नहीं उठाया जा सकता।

न्यायालय ने यह भी स्पष्ट किया कि वह दिल्ली हाई कोर्ट के उस निर्णय में हस्तक्षेप नहीं करेगा, जिसमें इस तरह की मांग को पहले खारिज किया गया था। सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने कहा, “हमने पहले भी इस तरह के मामले पर विचार किया है। यह मुद्दा बार-बार नहीं उठाया जा सकता।”
इससे पहले अप्रैल 2024 में भी सुप्रीम कोर्ट ने इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) के वोटों की VVPAT पर्चियों के साथ 100% क्रॉस-सत्यापन की मांग को ठुकरा दिया था। कोर्ट ने तब कहा था कि मतदाताओं का यह मूल अधिकार नहीं है कि हर VVPAT पर्ची की गिनती हो।
इस फैसले के बाद निर्वाचन आयोग और EVM समर्थकों ने इसे स्वागत किया, जबकि कुछ विपक्षी दलों ने इस पर निराशा जताई। यह निर्णय 7 अप्रैल 2025 को सुनाया गया, जो मौजूदा चुनावी प्रक्रिया पर भी असर डाल सकता है।
रिपोर्ट : सुरेंद्र कुमार
