छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में नक्सलवाद के खिलाफ बड़ी कामयाबी हासिल हुई है। आज, 30 मार्च 2025 को, 50 नक्सलियों ने सुरक्षा बलों के सामने आत्मसमर्पण कर दिया। इनमें से 14 नक्सलियों पर कुल 68 लाख रुपये तक का इनाम घोषित था। पुलिस के अनुसार, ये नक्सली माओवादी विचारधारा की खोखली नीतियों, आदिवासियों के शोषण और संगठन के भीतर बढ़ते मतभेदों से तंग आ चुके थे।

नक्सलियों ने बताया कि वे हिंसा का रास्ता छोड़कर समाज की मुख्यधारा में शामिल होना चाहते हैं।छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में प्रधानमंत्री के प्रस्तावित दौरे से ठीक पहले नक्सलियों ने बड़ा कदम उठाया है। आज, 30 मार्च 2025 को, 50 नक्सलियों ने सुरक्षा बलों के सामने हथियार डाल दिए। इनमें 14 इनामी नक्सली शामिल हैं, जिनके सिर पर छत्तीसगढ़ सरकार ने 68 लाख रुपये से अधिक का इनाम घोषित किया था। बीजापुर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक जितेंद्र कुमार यादव ने इसकी पुष्टि की।
नक्सलियों ने माओवादी विचारधारा को खोखला करार देते हुए हिंसा का रास्ता छोड़ने का फैसला किया। SSP यादव के मुताबिक, ये नक्सली संगठन के भीतर शोषण और मतभेदों से परेशान थे। पुलिस और केंद्रीय सुरक्षा बल लंबे समय से इनकी तलाश में जुटे थे। इस आत्मसमर्पण को सुरक्षा बलों की बढ़ती सक्रियता और सरकार की पुनर्वास नीति का नतीजा माना जा रहा है। इस आत्मसमर्पण को छत्तीसगढ़ सरकार की आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति और सुरक्षा बलों के बढ़ते दबाव का परिणाम माना जा रहा है। बीजापुर पुलिस ने इसे नक्सल उन्मूलन अभियान में एक महत्वपूर्ण सफलता करार दिया है।
इसके साथ ही, हाल के दिनों में बस्तर क्षेत्र में नक्सलियों के खिलाफ कार्रवाई तेज हुई है। सुकमा और बीजापुर में हुई मुठभेड़ों में 18 नक्सली मारे गए थे, जिससे संगठन पर दबाव और बढ़ा है। आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों को पुनर्वास के तहत सहायता प्रदान की जाएगी।
रिपोर्ट :सुरेंद्र कुमार
