वसई-विरार में BVA को लगातार दूसरा बड़ा झटका:

बीजेपी के 48 घंटे बाद शिंदे सेना ने भी तोड़ा गढ़,
आचोले की पूर्व नगरसेविका सहित तीन दिग्गज पूर्व नगरसेवक शिंदे गुट में शामिल

नालासोपारा (वसई), 9 दिसंबर 2025
बहुजन विकास आघाड़ी (BVA) के सबसे मजबूत गढ़ माने जाने वाले आचोले विभाग में शिंदे सेना ने बड़ी सेंध लगा दी है। शनिवार को उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की मौजूदगी में BVA की पूर्व नगरसेविका प्रतिमा पाटिल, पूर्व नगराध्यक्ष जयराम पाटिल के बेटे एवं आगरी समाज (आचोले) के अध्यक्ष विशाल जयराम पाटिल, पूर्व नगरसेवक केशव पाटिल के बेटे भूषण पाटिल, अमोल हरिश्चंद्र पाटिल सहित कई बड़े चेहरे और दर्जनों कार्यकर्ताओं ने शिवसेना (शिंदे गुट) का भगवा दामन थाम लिया।

यह किसी एक पार्टी में शामिल होने का साधारण समारोह नहीं था, बल्कि हितेंद्र ठाकुर की BVA के लिए लगातार दूसरा सबसे बड़ा राजनीतिक झटका था।
ठीक 48 घंटे पहले ही बीजेपी ने नालासोपारा-नायगांव से दर्जनों BVA पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं को अपने पाले में लिया था। अब शिंदे गुट ने भी उसी अंदाज में “तोड़ो और जोड़ो” की रणनीति अपना ली है।

आचोले विभाग क्यों है BVA के लिए जान?

  • पिछले दो दशकों से BVA का अजेय गढ़
  • आगरी समाज की भारी आबादी, ठाकुर परिवार का सीधा प्रभाव
  • पिछले लोकसभा और विधानसभा चुनाव में भी यहीं से BVA को सबसे बड़ा नुकसान हुआ था
  • पानी, सड़क, सफाई, स्वास्थ्य जैसी मूलभूत समस्याएं आज भी जस की तस

स्थानीय लोग खुलकर कह रहे हैं,
“हल्दी-कुंकू और गोविंदा पाठ के नाम पर वोट लेते थे, लेकिन विकास के नाम पर जीरो। लाड़की बहिन योजना और आनंदाचा सिद्धा ने हमारी आँखें खोल दीं।”

अब BVA के सामने सबसे बड़ा संकट

दो दिन में दो बड़े हमले:

  1. बीजेपी ने नालासोपारा-नायगांव से बड़ी संख्या में कार्यकर्ता तोड़े
  2. शिंदे सेना ने सीधे BVA के दिल आचोले में घुसकर सबसे मजबूत चेहरों को तोड़ लिया

2026 के महानगरपालिका चुनाव से पहले यह दोनों घटनाएँ साफ संदेश दे रही हैं –
वसई-विरार की सत्ता की चाबी अब हितेंद्र ठाकुर के हाथ से फिसलती दिख रही है।

महायुति (बीजेपी + शिंदे सेना) ने खुली चुनौती दे दी है:
“अबकी बार, BVA बाहर।”

अब सबकी नजर इस बात पर है कि अगले कुछ दिनों में BVA अपने बचे-खुचे गढ़ को बचा भी पाएगी या नहीं।
या फिर वसई-विरार की राजनीति में “सीटी युग” अब खत्म होने की उल्टी गिनती शुरू हो चुकी है?

रिपोर्ट :सुरेंद्र कुमार

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!