पालघर इमारत हादसा: 17 मासूमों की मौत के 3 महीने बाद VVMC के असिस्टेंट कमिश्नर गिल्सन गोंजाल्वेज गिरफ्तार, बिल्डर-नगर निगम की मिलीभगत बेनकाब

विरार (पालघर), 9 दिसंबर 2025
26 अगस्त 2025 की रात विरार के विजय नगर स्थित चार मंजिला रामाबाई अपार्टमेंट अचानक ढह गई थी। मलबे में दबकर दो मासूम बच्चों समेत 17 लोगों ने दर्दनाक मौत पाई थी। तीन महीने से ज्यादा बीत जाने के बाद आखिरकार मामले में सबसे बड़ी गिरफ्तारी हुई है। मीरा-भायंदर वसई-विरार (MBVV) पुलिस ने बृहस्पतिवार रात वसई-विरार महानगरपालिका (VVMC) के वार्ड ‘C’ के असिस्टेंट म्युनिसिपल कमिश्नर गिल्सन गोंजाल्वेज को गिरफ्तार कर लिया।

पुलिस के अनुसार, संरचनात्मक ऑडिट में यह इमारत सालों पहले ही “अवैध और अत्यंत खतरनाक” घोषित की जा चुकी थी। इसके बावजूद गोंजाल्वेज ने महाराष्ट्र प्रादेशिक एवं नगर नियोजन अधिनियम (MRTP Act, 1966) के तहत कोई कार्रवाई नहीं की। जांच में सामने आया है कि ठेकेदार और बिल्डरों से सांठ-गांठ कर उन्होंने जानबूझकर अपने कर्तव्य का पालन नहीं किया, जिसके चलते 17 जिंदगियां बेमौत मारी गईं।

अब तक छह आरोपी गिरफ्त में

  • इमारत बनाने वाला डेवलपर नीतल साने (पहले ही जेल में)
  • जमीन मालकिन दो महिलाएं एवं उनका पति (किराया वसूलते थे)
  • अब VVMC का असिस्टेंट कमिश्नर गिल्सन गोंजाल्वेज

चौंकाने वाली हकीकत जो अभी भी जारी है

वसई-विरार-नायगांव बेल्ट में आज भी दर्जनों बिल्डरों के प्रोजेक्ट धड़ल्ले से चल रहे हैं। ज्यादातर प्रोजेक्ट बिना वैध नक्शे, बिना OCC-सीसी, घटिया सामग्री और बिना किसी तकनीकी मंजूरी के बनाए जा रहे हैं। स्थानीय लोग बताते हैं कि यदि VVMC ने आज सख्ती से सभी चल रहे प्रोजेक्ट्स के कागजात और निर्माण गुणवत्ता की जांच कराई तो 70-80% इमारतें अवैध घोषित हो सकती हैं।

जनहित में बड़ा सवाल

क्या गिल्सन गोंजाल्वेज की गिरफ्तारी सिर्फ खानापूर्ति है या वसई-विरार महानगरपालिका अब सचमुच सबक लेगी?
क्या आने वाले दिनों में उन सभी अधिकारियों-कर्मचारियों पर भी कार्रवाई होगी जो सालों से अवैध निर्माण को संरक्षण देते आ रहे हैं?
और सबसे बड़ा सवाल – अगली इमारत कब गिरेगी और कितने और मासूम मलबे में दबकर मरेंगे?

17 जाने जा चुकी हैं। अब बस एक ही मांग है –
“अवैध निर्माण = हटाओ, जान बचाओ”
अगर आज VVMC और पुलिस ने सख्ती नहीं दिखाई तो कल फिर कोई रामाबाई अपार्टमेंट ढहेगा और फिर वही आंसू, वही बयान और वही खानापूर्ति।

नागरिक जागें। प्रशासन जागे।
वरना मलबे के नीचे दबेगी सिर्फ और सिर्फ आम जनता की जान।

रिपोर्ट :सुरेंद्र कुमार

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!