शिवसेना विवाद: संजय राउत का सनसनीखेज दावा, ‘मोदी-शाह ने शिंदे को दिया निर्देश’

मुंबई, 26 अक्टूबर 2025: शिवसेना (UBT) नेता और सांसद संजय राउत ने एक बार फिर महाराष्ट्र की सियासत में भूचाल ला दिया है। राउत ने दावा किया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ने उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को निर्देश दिया है कि आगामी महानगरपालिका चुनावों के बाद उनकी पार्टी को भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) में विलय कर देना होगा। यह बयान ऐसे समय में आया है, जब शिवसेना और उसके चुनाव चिह्न ‘धनुष-बाण’ को लेकर सुप्रीम कोर्ट में चल रही सुनवाई नजदीक आ रही है।

राउत का आरोप: शिंदे का डर और दिल्ली दौड़

संजय राउत ने अपने साप्ताहिक कॉलम ‘रोखठोक’ (सामना अखबार) और मीडिया से बातचीत में कहा, “जब भी सुप्रीम कोर्ट में शिवसेना और चुनाव चिह्न का मामला गर्माता है, शिंदे डर के मारे दिल्ली भागते हैं।” उन्होंने बताया कि 25 अक्टूबर को शिंदे ने पीएम मोदी से मुलाकात की थी, जहां उन्हें यह सुझाव दिया गया कि नगर निगम चुनाव (31 जनवरी 2026 से पहले होने वाले) के बाद उनकी पार्टी को बीजेपी में मिला देना चाहिए। राउत ने कहा, “शिंदे को पता है कि कोर्ट में उनका पक्ष कमजोर है और ‘धनुष-बाण’ चिह्न उन्हें नहीं मिलेगा।”

सुप्रीम कोर्ट में लंबित है मामला

शिवसेना का यह विवाद जून 2022 में शुरू हुआ, जब पार्टी दो गुटों में बंट गई—उद्धव ठाकरे का शिवसेना (UBT) और एकनाथ शिंदे का गुट। दोनों ने ‘धनुष-बाण’ चिह्न और पार्टी के नाम पर दावा ठोका। फरवरी 2023 में चुनाव आयोग ने शिंदे गुट को यह चिह्न और ‘शिवसेना’ नाम दे दिया, जिसे उद्धव ठाकरे ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी। कोर्ट ने इस मामले की अगली सुनवाई 12 नवंबर 2025 के लिए तय की है।

राउत ने इस मामले को संवैधानिक सिद्धांतों से जोड़ते हुए कहा, “पूरी दुनिया की नजरें भारत के संविधान और न्याय व्यवस्था पर हैं। अगर सुप्रीम कोर्ट का फैसला गलत हुआ, तो वैश्विक स्तर पर भारत की साख को नुकसान होगा।”

शिंदे और बीजेपी की प्रतिक्रिया

शिंदे गुट ने राउत के दावों को खारिज करते हुए इसे “सस्ती राजनीतिक साजिश” बताया। शिंदे ने कहा, “मेरी दिल्ली यात्रा सौजन्य मुलाकात थी। ऐसे बयानों से शिवसेना और बीजेपी गठबंधन को नुकसान पहुंचाने की कोशिश हो रही है।” वहीं, बीजेपी ने इस मुद्दे पर आधिकारिक रूप से चुप्पी साध रखी है, लेकिन सूत्रों के मुताबिक, महाराष्ट्र में सत्ताधारी गठबंधन में तनाव की खबरें सामने आ रही हैं।

राजनीतिक हलचल और भविष्य

  • महानगरपालिका चुनाव: राउत ने दावा किया कि उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे की बढ़ती नजदीकी से शिंदे घबराए हुए हैं। उन्होंने कहा, “मुंबई का अगला महापौर मराठी और भगवा होगा।”
  • 2026 विधानसभा चुनाव: राउत ने कर्नाटक की तरह महाराष्ट्र में भी बीजेपी की हार की भविष्यवाणी की है।
  • मराठी एकता: राउत ने ठाकरे भाइयों की एकजुटता को मराठी अस्मिता से जोड़ा, जिसे वे बीजेपी के खिलाफ बड़ा हथियार मानते हैं।

विवाद का सार

पक्षदावावर्तमान स्थिति
शिवसेना (UBT)शिंदे का विद्रोह असंवैधानिक; ‘धनुष-बाण’ और शिवसेना नाम उनका हक।सुप्रीम कोर्ट में मामला; ‘कमल’ चिह्न का उपयोग।
शिंदे गुटबहुमत के आधार पर असली शिवसेना; आयोग का फैसला सही।सत्ता में; ‘धनुष-बाण’ चिह्न का उपयोग।
चुनाव आयोग2023 में शिंदे गुट को चिह्न और नाम दिया।फैसला कोर्ट में चुनौती के अधीन।

आगे?

सुप्रीम कोर्ट का फैसला इस विवाद को निर्णायक मोड़ दे सकता है। तब तक राउत जैसे बयानों से महाराष्ट्र की सियासत में उबाल बना रहेगा। सवाल यह है कि क्या शिंदे गुट वाकई बीजेपी में विलय की ओर बढ़ेगा, या यह राउत की रणनीति है जिससे सत्ताधारी गठबंधन पर दबाव बनाया जा सके? अधिक अपडेट्स के लिए सुप्रीम कोर्ट के फैसले और आधिकारिक बयानों पर नजर रहेगी।

रिपोर्ट :सुरेंद्र कुमार

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