नई दिल्ली, (DD भारती न्यूज डेस्क): बिहार विधानसभा चुनाव से ठीक पहले अपराधियों की साजिश को विफल करते हुए दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने तड़के एक जोरदार मुठभेड़ में ‘सिग्मा एंड कंपनी’ गैंग के चार कुख्यात अपराधियों को मार गिराया। इस ऑपरेशन में गैंग का सरगना रंजन पाठक भी मारा गया। बिहार पुलिस के साथ संयुक्त कार्रवाई में यह सफलता मिली है, जो राज्य में अपराधियों के नेटवर्क को कमजोर करने वाली साबित हो रही है।

मुठभेड़ का विवरण: रोहिणी में रात 2:20 बजे चली गोलीबारी
पुलिस के अनुसार, मुठभेड़ दिल्ली के रोहिणी इलाके में बहादुर शाह मार्ग के पास, डॉ. अंबेडकर चौक से पांसाली चौक के बीच रात 2:20 बजे हुई। बिहार पुलिस से मिली खुफिया जानकारी के आधार पर दिल्ली क्राइम ब्रांच की टीम ने अपराधियों को घेरा। अपराधी एक कार में दिल्ली में छिपे हुए थे और बिहार चुनाव के दौरान बड़ी वारदात को अंजाम देने की योजना बना रहे थे।
गैंग के सदस्यों ने पुलिस को देखते ही गोलीबारी शुरू कर दी, जिसका जवाबी कार्रवाई में चारों अपराधी ढेर हो गए। मृतकों में रंजन पाठक (25 वर्ष, सरगना), बिमलेश महतो उर्फ बिमलेश साहनी (25 वर्ष), मनीष पाठक (33 वर्ष) और अमन ठाकुर (21 वर्ष) शामिल हैं। इन पर कुल 1 लाख रुपये का इनाम था। मुठभेड़ में पुलिस ने चार सेमी-ऑटोमैटिक पिस्टल, एक देशी कट्टा और अपराधियों की कार बरामद की। बिहार डीजीपी विनय कुमार ने इसे ‘संगठित अपराध पर बड़ी सफलता’ बताया।
सिग्मा एंड कंपनी गैंग: हत्या, लूट और चुनावी साजिश का नेटवर्क
‘सिग्मा एंड कंपनी’ गैंग, जिसका टैगलाइन ‘न्याय, सेवा, सहयोग’ है, बिहार के सीतामढ़ी जिले में सक्रिय था। यह गिरोह पिछले सात वर्षों से हत्या, सुपारी किलिंग, लूट और वसूली के मामलों में संलिप्त था। गैंग ने सोशल मीडिया और नोट्स के जरिए अपनी वारदातों का दावा किया, खुद को ‘भ्रष्ट पुलिस और गरीबों के उत्पीड़कों’ के खिलाफ लड़ने वाला बताया।
हाल के मामलों में गैंग ने ब्रह्मर्षि सेना के जिला प्रमुख राम मनोहर शर्मा की हत्या (सितंबर 2025) का दावा किया था। अन्य प्रमुख हत्याएं: आदित्य कुमार (जुलाई 2025, बाजपट्टी), मदन कुमार कुशवाहा (अगस्त 2025, दुमरा) और पूर्व ब्रह्मर्षि सेना अध्यक्ष गणेश शर्मा (सितंबर 2025)। पुलिस का मानना है कि दिल्ली में छिपकर ये चुनावी हिंसा की योजना बना रहे थे। ऑपरेशन ने गैंग के पूरे नेटवर्क को ध्वस्त कर दिया।
DCP संजीव यादव: दबंग अफसर, 75+ एनकाउंटर और शूटिंग चैंपियन
इस ऑपरेशन का नेतृत्व क्राइम ब्रांच के डीसीपी संजीव कुमार यादव ने किया, जिनकी दिल्ली पुलिस में ‘दबंग अफसर’ की छवि है। 1971 में जन्मे संजीव यादव AGMUT कैडर के आईपीएस अधिकारी हैं। उनके नेतृत्व में 75 से अधिक एनकाउंटर हो चुके हैं, जिनमें 100 से ज्यादा आतंकवादी और कुख्यात अपराधी ढेर या गिरफ्तार हुए।
- 2005 दिल्ली सीरियल ब्लास्ट केस: यादव की टीम ने लश्कर-ए-तैयबा के पाकिस्तानी आतंकवादी अबू हुजेफा को श्रीनगर में मार गिराया।
- 2008 बाटला हाउस एनकाउंटर: स्पेशल सेल के एसीपी के रूप में यादव ने जामिया नगर में ऑपरेशन का नेतृत्व किया। इसमें इंडियन मुजाहिदीन के आतंकवादी आतिफ अमीन और छोटा साजिद मारे गए, जबकि इंस्पेक्टर मोहन चंद शर्मा शहीद हुए। इस घटना पर 2019 में रिलीज हुई फिल्म ‘बाटला हाउस’ बनी, जिसमें जॉन अब्राहम ने यादव का किरदार निभाया।
यादव ने गंभीर आपराधिक और आतंकवाद मामलों की सैकड़ों जांचें की हैं। राष्ट्रपति पुलिस मेडल से 11 बार सम्मानित हैं।
शूटिंग में भी कमाल: राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पदक
संजीव यादव केवल पुलिस अधिकारी ही नहीं, बल्कि एक कुशल शूटर भी हैं। उन्होंने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में कई पदक जीते:
- 2019 साउथ एशियन गेम्स: 25 मीटर शूटिंग में रजत पदक।
- जर्मनी वर्ल्ड मास्टर शूटिंग चैंपियनशिप: कांस्य पदक।
उनकी यह बहुमुखी प्रतिभा उन्हें चुनिंदा अधिकारियों की श्रेणी में रखती है। वर्तमान में जम्मू-कश्मीर पुलिस में तैनात रहने के बावजूद, दिल्ली में विशेष ऑपरेशन के लिए बुलाए गए।
प्रभाव: चुनावी सुरक्षा को मजबूती, अपराध पर लगाम
यह कार्रवाई बिहार चुनावों से पहले अपराधियों की हताशा को दर्शाती है। दिल्ली पुलिस आयुक्त सतीश गोलचा ने इसे ‘संयुक्त प्रयासों की मिसाल’ बताया। बिहार में पलायन और अपराध के मुद्दे पर राजनीतिक बहस के बीच यह घटना सुरक्षा एजेंसियों की सतर्कता को रेखांकित करती है। आगे जांच जारी है, ताकि गैंग के अन्य सदस्यों का पता लगाया जा सके।
बिहार चुनावी माहौल में यह सफलता एनडीए और महागठबंधन दोनों के लिए सुरक्षा का संदेश दे रही है। जनता की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए पुलिस की सतर्कता बढ़ी हुई है।
रिपोर्ट :सुरेंद्र कुमार

