Ghibli पर फोटो बना रहे हैं ,सावधान ! महाराष्ट्र साइबर सेल

🚨 घिबली आर्ट का इस्तेमाल हो सकता है खतरनाक! महाराष्ट्र साइबर सेल ने जारी की चेतावनी 🚨

मुंबई: घिबली स्टाइल आर्ट और अन्य एआई इमेज जेनरेटर के बढ़ते चलन के बीच महाराष्ट्र साइबर सेल ने एक अहम एडवाइजरी जारी कर लोगों को सतर्क किया है। जांच में सामने आया है कि ये प्लेटफॉर्म व्यक्तिगत डेटा, खासकर तस्वीरों, के दुरुपयोग का कारण बन सकते हैं। सेल ने इसे गंभीर खतरा मानते हुए उपयोगकर्ताओं से सावधानी बरतने की अपील की है।

क्या हैं जोखिम?

  • डेटा चोरी का खतरा: घिबली और समान एआई टूल्स डिवाइस की फाइलों, कैमरे और माइक्रोफोन तक पहुंच मांगते हैं, जिससे निजी जानकारी विदेशी कंपनियों तक पहुंच सकती है।
  • रिवर्स इमेजिंग का डर: रिवर्स घिबली स्टाइल आर्ट के जरिए असली तस्वीरें बनाई जा सकती हैं, जो गोपनीयता और सहमति को खतरे में डालती हैं।
  • बायोमेट्रिक डेटा पर संकट: डीआईजी यशस्वी यादव के अनुसार, चेहरा अब सिर्फ चेहरा नहीं, बल्कि बायोमेट्रिक जानकारी है। इसका दुरुपयोग पहचान की चोरी और अनधिकृत निगरानी का कारण बन सकता है।
  • डेटाबेस का गलत उपयोग: कुछ प्लेटफॉर्म अपलोड की गई तस्वीरों से बड़े डेटाबेस बनाते हैं, जिनका उपयोग मॉडल ट्रेनिंग या अन्य अनुचित उद्देश्यों के लिए हो सकता है।

पहले भी हो चुके हैं मामले फेसऐप (2019) और लेंसा एआई (2022) जैसे प्लेटफॉर्म्स के साथ डेटा लीक और दुरुपयोग की घटनाएं सामने आ चुकी हैं। इनसे सबक लेते हुए साइबर सेल ने लोगों को जागरूक रहने की सलाह दी है।

साइबर सेल की सलाह: सुरक्षित रहें!

  1. व्यक्तिगत तस्वीरें अपलोड करने से पहले दो बार सोचें।
  2. अनुमति अनुरोधों की बारीकी से जांच करें।
  3. असत्यापित या अनौपचारिक ऐप्स से दूरी बनाएं।
  4. संवेदनशील जानकारी साझा करने से बचें।
  5. संदिग्ध गतिविधि दिखे तो तुरंत www.cybercrime.gov.in पर शिकायत करें या 1930 पर कॉल करें।

जागरूक बनें, सुरक्षित रहें! महाराष्ट्र साइबर सेल की इस एडवाइजरी का मकसद है लोगों को डिजिटल दुनिया में अपनी गोपनीयता और सुरक्षा के प्रति सजग करना। आइए, इस जानकारी को अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचाएं और डेटा दुरुपयोग के खिलाफ एकजुट हों।

स्रोत: महाराष्ट्र साइबर सेल, 11 अप्रैल 2025

रिपोर्ट : सुरेंद्र कुमार

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