‘आंधी-तूफान के लिए बीजेपी जिम्मेदार, भगवान भी हैं नाराज’: डॉ वीरेंद्र यादव का विवादास्पद बयान, 2027 में सत्ता परिवर्तन का दावा
लखनऊ, 11 अप्रैल 2025: उत्तर प्रदेश में गुरुवार को आए आंधी-तूफान और बारिश ने किसानों की फसलों को भारी नुकसान पहुंचाया है। इस प्राकृतिक आपदा के बीच समाजवादी पार्टी (सपा) के विधायक डॉ. वीरेंद्र यादव ने एक ऐसा बयान दिया है, जिसने सियासी गलियारों में हलचल मचा दी है। गाजीपुर की जंगीपुर विधानसभा सीट से विधायक यादव ने इस आपदा के लिए भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि “बीजेपी की नीतियों से भगवान भी नाराज हैं।” उन्होंने दावा किया कि 2027 के विधानसभा चुनाव में जनता बीजेपी को सत्ता से बेदखल कर सपा को सत्ता सौंपेगी।
क्या है विवादास्पद बयान?
शुक्रवार को गाजीपुर में बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर की जयंती के अवसर पर आयोजित एक कार्यक्रम में सपा विधायक ने कहा, “जब-जब बीजेपी की सरकार आती है, तब-तब प्राकृतिक आपदा आती है। गुरुवार को आई आंधी और बारिश ने किसानों की मेहनत पर पानी फेर दिया। यह वही समय है जब किसान खेतों में कटाई और मलाई करता है। ऐसी आपदाएं किसानों के लिए खतरा हैं, और इसके पीछे कहीं न कहीं बीजेपी का हाथ है।” यादव ने आगे कहा, “बीजेपी से भगवान भी नाराज हैं, और यही नाराजगी 2027 में उनकी सरकार को उखाड़ फेंकेगी। सपा की सरकार आएगी और जनता को न्याय मिलेगा।”
संविधान और नीतियों पर भी साधा निशाना
डॉ. वीरेंद्र यादव ने बीजेपी पर संविधान के साथ खिलवाड़ करने का भी आरोप लगाया। उन्होंने कहा, “बाबा साहब ने संविधान बनाकर दबे-कुचले वर्गों को सम्मान और अधिकार दिए, लेकिन बीजेपी इसकी भावना के खिलाफ काम कर रही है। 5 किलो मुफ्त अनाज देकर गरीबों का मजाक उड़ाया जा रहा है। बुलडोजर का डर दिखाकर और झूठे वादे करके जनता को ठगा जा रहा है।” विधायक ने बीजेपी नेताओं पर अहंकार का आरोप लगाते हुए कहा कि सत्ता में बैठे लोग जनता की समस्याओं से कट चुके हैं।
किसानों का नुकसान और सियासी तंज

उत्तर प्रदेश के कई जिलों में आंधी-तूफान और बारिश ने गेहूं, सरसों और अन्य फसलों को भारी नुकसान पहुंचाया है। किसान इस आपदा से परेशान हैं, और राहत की मांग कर रहे हैं। ऐसे में सपा विधायक का यह बयान न केवल प्राकृतिक आपदा को राजनीतिक रंग देता है, बल्कि बीजेपी पर हमले का नया हथियार भी बन गया है। यादव ने कहा, “पहले भी जब बीजेपी की सरकार थी, तब प्राकृतिक आपदाएं आईं। यह संयोग नहीं, बीजेपी की गलत नीतियों का परिणाम है।”
बीजेपी का पलटवार: ‘बेतुका और हास्यास्पद’
सपा विधायक के इस बयान पर बीजेपी ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। बीजेपी प्रवक्ता मनोज मिश्रा ने कहा, “प्राकृतिक आपदा को बीजेपी से जोड़ना न केवल हास्यास्पद है, बल्कि सपा की बौखलाहट को दर्शाता है। जनता ऐसी बेतुकी बातों पर ध्यान नहीं देती। हमारी सरकार किसानों के लिए लगातार काम कर रही है, और राहत कार्य शुरू कर दिए गए हैं।” बीजेपी ने यह भी आरोप लगाया कि सपा इस तरह के बयानों से जनता का ध्यान वास्तविक मुद्दों से भटकाने की कोशिश कर रही है।
सपा का बचाव: ‘यह प्रतीकात्मक कटाक्ष’
सपा नेताओं ने विधायक के बयान का बचाव करते हुए इसे प्रतीकात्मक बताया। सपा के प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी ने कहा, “डॉ. वीरेंद्र यादव ने बीजेपी की किसान-विरोधी नीतियों पर तंज कसा है। उनका कहना है कि बीजेपी के शासन में किसानों की मुसीबतें बढ़ी हैं, और यह बात जनता समझ रही है। इसे गलत संदर्भ में पेश किया जा रहा है।”
जमीनी हकीकत: किसानों की चिंता
प्राकृतिक आपदा ने पूर्वी उत्तर प्रदेश के गाजीपुर, जौनपुर, आजमगढ़ और वाराणसी जैसे जिलों में किसानों को भारी नुकसान पहुंचाया है। गेहूं की फसलें बर्बाद होने से किसान परेशान हैं। स्थानीय किसान रामदेव यादव ने बताया, “हमारी पूरी फसल चौपट हो गई। सरकार से मुआवजे की उम्मीद है, लेकिन अभी तक कोई ठोस कदम नहीं दिखा।” इस बीच, सरकार ने प्रभावित क्षेत्रों में नुकसान का आकलन शुरू करने का दावा किया है।
सोशल मीडिया पर बहस
यादव का बयान सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है। कुछ लोग इसे मजाकिया अंदाज में ले रहे हैं, तो कुछ ने इसे “अंधविश्वास को बढ़ावा देने वाला” करार दिया। एक यूजर ने लिखा, “क्या अब मौसम भी बीजेपी नियंत्रित करती है? यह हास्यास्पद है!” वहीं, सपा समर्थकों का कहना है कि यह बयान बीजेपी की नीतियों पर प्रतीकात्मक हमला है।
2027 का सियासी दांव
डॉ. वीरेंद्र यादव ने अपने बयान में 2027 के विधानसभा चुनाव का जिक्र करते हुए सपा की जीत का दावा किया। उन्होंने कहा, “बीजेपी का अहंकार और जनविरोधी नीतियां उसे सत्ता से बाहर करेंगी। जनता अब बदलाव चाहती है।” यह बयान सपा की उस रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है, जिसमें वह किसानों और दलितों को अपने पक्ष में करने की कोशिश कर रही है।
राजनीतिक विशेषज्ञों की राय
राजनीतिक विश्लेषक प्रो. सुधीर पवार का कहना है, “ऐसे बयान सियासी माहौल को गरमाने के लिए दिए जाते हैं। सपा किसानों के मुद्दे को भुनाने की कोशिश कर रही है, लेकिन प्राकृतिक आपदा को बीजेपी से जोड़ना अतिशयोक्ति है। इससे सपा की विश्वसनीयता पर सवाल उठ सकते हैं।” वहीं, पर्यावरण विशेषज्ञ डॉ. अनिल मिश्रा का कहना है कि बारिश और तूफान मौसमी बदलाव का हिस्सा हैं, और इन्हें किसी राजनीतिक दल से जोड़ना तर्कसंगत नहीं है।
आगे की राह
सपा विधायक का यह बयान भले ही सुर्खियों में हो, लेकिन यह सवाल उठाता है कि क्या इस तरह की बयानबाजी से किसानों की वास्तविक समस्याएं हल होंगी? सरकार ने नुकसान का आकलन शुरू कर दिया है, लेकिन किसानों को तत्काल राहत की जरूरत है। दूसरी ओर, सपा और बीजेपी के बीच यह जुबानी जंग 2027 के चुनाव तक और तेज होने की संभावना है।
रिपोर्ट : सुरेंद्र कुमार
