
लखनऊ, 25 मार्च 2025: काव्य रसिक संस्थान, उत्तर प्रदेश इकाई द्वारा बुधवार, 25 मार्च 2025 को एक भव्य ऑनलाइन कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। इस आयोजन ने देश भर के काव्य प्रेमियों को डिजिटल मंच पर एकजुट कर साहित्यिक रस की अनुपम अनुभूति प्रदान की। कार्यक्रम में उच्च कोटि के कवियों और कवियित्रियों ने अपनी उत्कृष्ट रचनाओं से श्रोताओं को भाव-विभोर कर दिया। इस गरिमामय अवसर पर संस्कार न्यूज के प्रधान संपादक विजय कुमार शर्मा की विशेष उपस्थिति ने आयोजन को और भी विशिष्टता प्रदान की। उनकी मौजूदगी ने काव्य और साहित्य के प्रति समर्पण को रेखांकित करते हुए इस सम्मेलन को एक नई ऊंचाई दी।

राष्ट्रीय पदाधिकारियों की प्रभावशाली प्रस्तुतियां
इस कवि सम्मेलन में काव्य रसिक संस्थान के तीन राष्ट्रीय पदाधिकारियों ने अपनी रचनाओं से समां बांधा। संस्थापक अध्यक्ष एवं राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. रामकुमार ‘रसिक’ ने अपनी कविता “मुरझा चुके उपवन को, खुशबू से भर दिया” से जीवन में आशा और सौंदर्य का संदेश दिया। राष्ट्रीय कार्याध्यक्ष एवं दादरा नगर हवेली इकाई अध्यक्ष डॉ. मीना सुरेश जैन ‘सुमीता’ ने “तेरे कदमों की आहट आने लगी” के माध्यम से प्रेम और प्रतीक्षा के भावों को जीवंत किया। राष्ट्रीय महामंत्री डॉ. रामरतन श्रीवास ‘राधे राधे’ ने “एक बंधन को ले चला” से रिश्तों की गहराई को उकेरा। इन प्रस्तुतियों ने आयोजन की शोभा बढ़ाई।

प्रतिभागी कवियों का शानदार प्रदर्शन
कार्यक्रम में अन्य प्रतिभागी कवियों और कवियित्रियों ने भी अपनी रचनाओं से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध किया। सुनील श्रीवास्तव ने “आओ प्रिय लौट आओ” से प्रेम और विरह की मार्मिक अभिव्यक्ति दी। जगदीश गुप्ता की रचना “देखकर चांदनी को हम नहीं भूले तुम्हें” ने चांदनी और यादों के बीच खूबसूरत तारतम्य स्थापित किया। रजनी ने “सुन्दर जीवन का यह उपहार” से जीवन के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण प्रस्तुत किया। सुनील ने “कोयल-पपीहा सब राग सुनावत” से प्रकृति के संगीतमय स्वरों को काव्य में पिरोया। शशी जायसवाल की “वह मेरे आराध्य बन गए” ने भक्ति और श्रद्धा के भाव को उजागर किया। विजय प्रकाश जैन ने “अगर पास आयें तो मौसम महक जाएं” से निकटता और सुगंध का सुंदर चित्रण किया। आलोक अग्रिहोत्री ने “भरत लाल आयें जब राम से मिलन को” के जरिए राम-भरत के पावन मिलन को भावपूर्ण ढंग से प्रस्तुत किया।

आयोजन की गरिमा और विजय कुमार शर्मा की भूमिका
इस कवि सम्मेलन में संस्कार न्यूज के प्रधान संपादक विजय कुमार शर्मा की गरिमामय उपस्थिति ने आयोजन को एक विशेष आयाम प्रदान किया। उनकी मौजूदगी ने न केवल साहित्यिक माहौल को समृद्ध किया, बल्कि काव्य रसिक संस्थान के प्रयासों को व्यापक पहचान दिलाने में भी योगदान दिया। उनके विचारों और प्रोत्साहन ने कवियों और श्रोताओं में नई ऊर्जा का संचार किया।
काव्य रसिक संस्थान का योगदान
काव्य रसिक संस्थान लंबे समय से साहित्य और काव्य के संरक्षण व संवर्धन में सक्रिय है। इस ऑनलाइन कवि सम्मेलन ने कवियों को अपनी प्रतिभा प्रदान करने का मंच प्रदान किया और देश भर के साहित्य प्रेमियों को जोड़ा। डिजिटल युग में ऐसे आयोजन काव्य कला को नई पीढ़ी तक पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।
श्रोताओं की प्रतिक्रिया
आयोजन को श्रोताओं से अपार प्रशंसा मिली। सोशल मीडिया पर कविता प्रेमियों ने रचनाओं और आयोजन की सफलता की जमकर तारीफ की। डॉ. मीना सुरेश जैन ‘सुमीता’ ने सभी प्रतिभागियों और श्रोताओं का आभार व्यक्त करते हुए कहा, “यह आयोजन काव्य के प्रति हमारी साझा प्रतिबद्धता का प्रतीक है।”
यह कवि सम्मेलन साहित्यिक इतिहास में एक यादगार पल के रूप में दर्ज होगा। काव्य रसिक संस्थान भविष्य में भी ऐसे आयोजनों के माध्यम से काव्य और संस्कृति को बढ़ावा देता रहेगा।