मधुर मधुर जल दीप पतंगा

मधुर मधुर जल दीप पतंगा,खुद ही जान लुटाएगा।प्रेम करो निस्वार्थ भाव से,सबको ये सिखलाएगा।। माना खुद ही जान गँवाना,नहीं अक्ल की बात है।जीवन है दो चार दिनों का,जन्म ईश सौगात…

error: Content is protected !!