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रेल मंत्री पीयूष गोयल को वित्त मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है. अरुण जेटली इलाज कराने के लिए अभी अमेरिका में हैं. ऐसे में माना जा सकता है कि जेटली एक फरवरी को अंतरिम बजट पेश नहीं कर पाएंगे. उनकी जगह पीयूष गोयल ये बजट पेश करेंगे. पीएम मोदी की सलाह पर पीयूष गोयल को वित्त मंत्रालय का प्रभार सौंपा गया है. बीते हफ्ते वित्त मंत्री अरुण जेटली को आकस्मिक इलाज के लिए अमेरिका का रुख करना पड़ा था. वैसे बीजेपी और खुद अरुण जेटली सोशल मीडिया के जरिए ऐसा कहते रहे हैं कि अंतरिम बजट वे ही पेश करेंगे. इसके लिए एक फरवरी तक लौट आएंगे. पर शायद अब इसके आसार कम हैं. खराब सेहत के चलते जेटली शायद ही अब बजट सत्र में शामिल हो सकें. इसको लेकर कई दिनों से चर्चाएं थीं. जेटली अब बिना प्रभार के कैबिनेट मंत्री बने रहेंगे.
अंतरिम बजट का काम प्रभावित हो रहा था
माना जा रहा है कि वित्तमंत्री अरुण जेटली की बीमारी की वजह से मंत्रालय का कामकाज प्रभावित हो रहा था. इस वक्त अंतरिम बजट की तैयारियां तेजी से चल रही हैं. सरकार अंतरिम बजट में कुछ बड़े ऐलान कर सकती है. इस पर लगातार काम करने की जरूरत थी. साथ ही संसद में बजट भाषण भी पढ़ा जाना था. इसीलिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ये व्यवस्था करनी पड़ी. अब साफ हो गया है कि एक फरवरी को केंद्र सरकार का आखिरी बजट भाषण पीयूष गोयल पढ़ेंगे. पीयूष गोयल को इससे पहले भी वित्त मंत्रालय का प्रभार मिल चुका है. कुछ महीने पहले जब अरुण जेटली किडनी ट्रांसप्लांट कराया था, उस वक्त वे एम्स में भर्ती किए गए थे. तब पीयूष गोयल को फाइनेंस मिनिस्ट्री का चार्ज दिया गया था. जेटली बीमारी के चलते बीते 9 महीने से विदेश दौरे भी नहीं कर रहे थे. सितंबर 2014 में उन्होंने वजन कम करने वाली बैरियाट्रिक सर्जरी दिल्ली के मैक्स हॉस्पिटल में कराई थी. जेटली हार्ट की भी सर्जरी करा चुके हैं.संसद में जोरदार भाषण दिया था
अरुण जेटली बीते दिनों अपनी बीमारी से उबरते नजर आए थे. वे पार्टी में भी काफी सक्रिय दिखने लगे थे. तब माना जा रहा था कि वे स्वस्थ हो गए हैं. हाल ही में सामान्य वर्ग को दस प्रतिशत आरक्षण के मुद्दे पर संसद में हुई बहस में उन्होंने बेहद प्रभावशाली भाषण दिया था. उनके अंदाज को देखकर लग रहा था कि वे पूरी तरह स्वस्थ हो गए हैं. लेकिन 13, जनवरी, 2019 की रात ही अचानक वे इलाज के लिए अमेरिका रवाना हो गए. मोदी सरकार में अरुण जेटली को पहले रक्षा मंत्रालय का कार्यभार भी सौंपा गया था. जेटली 2014 में अमृतसर से लोकसभा चुनाव हार गए थे. इसके बावजूद उनकी योग्यता को देखते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने उन्हें अपने मंत्रिमंडल में कैबिनेट मिनिस्टर का दर्जा दिया.
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